Cultural Event / 12-Aug-2023

Remembering Unsung Heroes, Krantiteerth, Mainpuri

क्रांतितीर्थ कार्यक्रमों की एक शृंखला मात्र नहीं है, अपितु ये एक अभियान है उन बलिदानियों को श्रद्धांजलि देने का जिन्होंने अनेक कष्ट सहे, अपना जीवन, अपना सर्वस्व देश की स्वतंत्रता के लिए, स्वराज की, स्वधर्म की भावना के लिए समर्पित कर दिया, फिर भी वे इतिहास के पृष्ठों में अनाम रह गए, अल्पज्ञात रह गए। इसी अभियान को सफल बनाने के उद्देश्य से आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशन में सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च ऑन डेवलोपमेंट एंड चेंज तथा संस्कार भारती के सहयोग से क्रांतितीर्थ' श्रृंखला का अयोजन 12 अगस्त को श्रीदेवी मेला एवं ग्राम सुधार प्रदर्शनी कादंबरी मंच, मैनपुरी में एक दिवसीय सेमिनार आयोजित किया गया, साथ ही 150 से अधिक बलिदानियों के परिजनों को सम्मानित किया गया। 
श्रीदेवी मेला के कादम्बरी रंगमंच पर क्रांतिधरा के बलिदानियों को नमन करते हुये पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने कहाकि देश को आजाद करने के लिए हर वर्ग, धर्म, भाषा, प्रांत के लोगों ने कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष किया, तमाम यातनाएं झेली, अनगिनत वीर बलिदानियों द्वारा अपने प्राणों को न्यौछावर करने के बाद हमें आजादी मिली।
उन्होंने कहाकि स्वाधीनता संग्राम के तमाम ऐसे बलिदानी जिनका नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज नहीं था, ऐसे बलिदानियों, महापुरूषों को ढूंढकर कर आजादी के अमृत महोत्सव काल में ऐसे क्रांतिकारियों, उनके परिजनों को सम्मानित करने का कार्य केंद्र, प्रदेश सरकार द्वारा किया गया।
एसबीआरएल एकेडमी के अनुपम गुप्ता ने मंत्री श्री सिंह को प्रतीक चिन्ह भेंट किया। सीडीओ विनोद कुमार, एडीएम रामजी मिश्र, यशदीप सिंह, एसडीएम सदर अभिषेक कुमार, एसबीआरएन एकेडमी के प्रबंधक सतीश गुप्ता, विघ्नेश त्यागी, विहिप जिलाध्यक्ष सुमित चौहान, धीरेन्द्र सिंह, सह संयोजक अजय शुक्ला, दीपक दिव्य आदि मौजूद रहे।
150 से अधिक वीर परिवारों को सम्मान 
पर्यटन मंत्री श्री सिंह, डीएम अविनाश कृष्ण सिंह, एसपी विनोद कुमार, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघ चालक वीरेन्द्र सिंह, जिला संघ चालक रामनाथ ने जिले के करीब 150 से अधिक स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को शॉल उड़ाकर व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।
क्रांतितीर्थ ने दिया गुमनामी के अंधेरे से सम्मान का मंच 
जनपद में आजादी की लड़ाई में ऐसे कई वीर बलिदानी है, जो अभी तक गुमनामी के अंधेरे में खोये थे, क्रांतितीर्थं श्रृंखला के तहत ऐसे बलिदानी और उनके परिजनों को ढूंढकर सम्मानित किया जा रहा है.।

कार्यक्रम में जब आजादी के गुमनाम नायकों के परिवार को सम्मान मिला, तो हर किसी की आंखें नम हो गई। स्कूली बच्चों की प्रस्तुतियों ने दिल में देशभक्ति का जज्बा पैदा किया।

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